मित्र (कविता)


चन्दन शीतल चन्दा शीतल
शशि चन्दन से सखा तू शीतल
सरस स्नेह से दग्ध हृदय को
प्रिय मधु वाणी करती शीतल ।।

चन्दन शीतल चन्दा शीतल
शशि चन्दन से सखा तू शीतल

मलयानिल हिमकण सा शीतल
संतप्त चित्त सम्मुख तव शीतल
सुन्दर मन तव वाणी शीतल
मित्र सुमित्र फिर जीवन शीतल

चन्दन शीतल चन्दा शीतल ।
शशि चन्दन से सखा तू शीतल ।।

प्रस्तुति: डॉ धनंजय कुमार मिश्र 

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