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Showing posts from April, 2020

कोरोना संकट में कैसे हो जैक मैट्रिक व इन्टर का मूल्यांकन कार्य

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                         डॉ धनंजय कुमार मिश्र                          अभिषद् सदस्य, दुमका -------- कोरोना संकट से पूरी दुनियाँ जुझ रही है। पूरा भारत लाॅक डाउन में है। तीन मई के बाद की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है । इतना तो तय है कि अभी कम से कम एक दो माह बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है । सारे शैक्षिक संस्थानों में वीरानी छाई है । आॅनलाइन शैक्षिक गतिविधियों को लगातार सुदृढ़ किया गया है । विभिन्न डिजिटल माध्यमों से अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था प्रारंभ की गई है । झारखण्ड राज्य में भी यही स्थिति है । झारखण्ड में मैट्रिक व इन्टर की परीक्षा फरवरी में ही सम्पन्न हो गई है। मूल्यांकन कार्य की सारी तैयारी पूर्ण होते ही लाॅक डाउन की घोषणा हो गई । जून में रिजल्ट देने के लिए झारखण्ड सरकार को काफी सोच समझ कर निर्णय लेना चाहिए । यदि मूल्यांकन कार्य पूर्व निर्णय के अनुसार विभिन्न मूल्यांकन केन्द्रों पर की जाती है तो स्थिति भयावह होगी।  सभी केन्द्रों पर लगभग पाँच सौ शिक्षक व कर्मचारियों को  मूल्यांकन कार्य  में शामिल होते ही सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रह जाएगा। एक व्यक्ति का  संक्रमण भी हालात को और मुश्किल

भारतवर्ष के महनीय आचार्य आदिगुरू शंकराचार्य

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*भारतवर्ष के महनीय आचार्य आदिगुरू  शंकराचार्य*  (जयन्ती विशेष) डॉ धनंजय कुमार मिश्र अध्यक्ष संस्कृत विभाग सह अभिषद् सदस्य सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका (झारखण्ड) ------ भारतीय पंचांग के अनुसार  वैशाख माह के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को भगवान आदिगुरूशंकराचार्य का जन्म हुआ था। सारे सनातन धर्मावलंबी इस दिन को शंकराचार्य की जयंती के रूप में  मनाते  हैं । आदि गुरु शंकराचार्य ने कम उम्र में ही वेदों का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। इसके बाद मात्र बत्तीस वर्ष की अवस्था   में इन्होंने हिमालय में समाधि ले ली। आदि गुरु शंकराचार्य का जन्म केरल के कालड़ीगांव में हुआ था। उनका जन्म दक्षिण भारत के नम्बूदरी ब्राह्मण कुल में हुआ था।  माना जाता है कि भगवान शिव की कृपा से ही आदि गुरु शंकराचार्य का जन्म हुआ। जब ये तीन साल के थे तब इनके पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद गुरु के आश्रम में इन्हें  छोटी उम्र में ही वेदों का ज्ञान हो गया। फिर ये भारत यात्रा पर निकले और इन्होंने भारत  के चार भागों  में चार पीठों की स्थापना की।  मान्यता  है कि इन्होंने तीन बार पूरे भारत की यात्रा की। जिस तर

करोना हारेगा, मानवता जीतेगी हमारा भारत विजयी होगा।

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*करोना को भगाना है तो आदत सुधारनी  होगी* डॉ धनंजय कुमार मिश्र अभिषद् सदस्य सि. का. मु. विश्वविद्यालय, दुमका कोविड 19 का कहर जारी है । सिर्फ झारखण्ड राज्य की बात करें तो  तेजी से यह महामारी  राज्य को अपने गिरफ्त में ले रही है। सरकार इसके संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। दुःख और घोर आश्चर्य इस बात की है कि अभी भी कुछ लोग इसकी भयावहता को नहीं समझ पा रहे हैं । सम्पूर्ण राष्ट्र में लाॅकडाउन है। राज्य सरकार ने भी केन्द्र के बताये हर सुझाव पर सख्ती से  अमल करने के लिए विभिन्न कमेटियों का गठन किया है । प्रशासन को अहर्निश दायित्व के सम्यक् निर्वहन के लिए दिशा निर्देश जारी किया है। सिर्फ़ दुमका जिले की बात करें तो  राहत सिर्फ यह  है कि दुमका  जिला अभी ग्रीन जाॅन में  है। परन्तु हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जरा सी लापरवाही की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। आए दिन देखा जा रहा है कि वेबजह लोग बाहर घूमने की आदत नहीं छोड़ रहे हैं । प्रशासन को जान बूझ कर मजबूर कर रहे हैं सख्त कदम उठाने के लिए । दुमका के उपायुक्त और पुलिस कप्तान अत्यंत सौम्य और सुचारू रूप से नागरिकों की सुरक्षा और

Sanskrit UG Sem 2 Lecture Notes.

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