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Showing posts from June, 2020

‘संताल और संताली समाज - इतिहास के आईने में’

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धनंजय कुमार मिश्र विभागाध्यक्ष- संस्कृत संताल परगना महाविद्यालय, दुमका सिदो-कान्हु मुर्मू वि.वि. दुमका भारतवर्ष में संतालों के सम्बन्ध में विद्वानों में मतैक्यता नहीं है। अद्यतन अध्ययन यह बताता है कि संताल जाति प्राचीन काल से हीं भारतवर्ष में निवास करती रही है एवं सैन्धव सभ्यता के निर्माण में इनका भी योगदान रहा है।1 वैसे संतालों की उत्पŸिा के बारे में प्रचलित धारणाएॅं अनेक हैं। कुछ लोगों के मतानुसार संताल भारतवर्ष में आर्यों के आगमन से पहले पश्चिमोŸार दिशा से प्रवेश किये2 एवं पंजाब में कुछ समय रहने के पश्चात् आगे बढते-बढते छोटानागपुर के पठार में आ बसे। कुछ लोग कहते हैं कि संताल भारतवर्ष में  उŸार-पूर्व  दिशा से प्रवेश कर आगे बढते हुए दामोदर नदी के दोनों तट पर बस गए।3 अन्य विद्वानों का मत है कि संताल जाति एक भ्रमणशील जाति के रूप में घुमन्तु  प्रवृति वाले थे। इनका निवास यायावर होने के कारण निश्चित नहीं था। मध्य भारत की घाटियों एवं गंगा के किनारे की उर्वरा भूमि पर संताल कुछ वर्षों तक निवास किये परन्तु आक्रमण एवं दबाव में दक्षिण पश्चिम की ओर बढते-बढते छोटानागपुर के पठारों में बस गये।4 विद्

सुरम्य प्राकृत दृश्यों की गोद में आशुतोष बाबा भोले नाथ का धाम शिवगादी

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- झारखण्ड प्रदेश हरे भरे पर्वत पठारों , नदी झरनों, खनिज सम्पदाओं से भरा पड़ा है । धर्म और आस्था के सैकड़ों स्थान यहाँ के वन कन्दराओं में स्थित हैं । प्रसिद्ध बाबा वैद्यनाथधाम दे वघर जिले में अवस्थित है तो बाबा बासुकिनाथ दुमका जिले में । ये दोनों जिले संताल परगना प्रमंडल में स्थित हैं । भगवती गंगा संताल परगना के साहेबगंज जिले को स्पर्श कर बंगाल की ओर प्रवाहित होती है । साहेबगंज ही नहीं सम्पूर्ण संताल परगना में मनोरम प्राकृतिक दृश्य एवं संसाधन मौजूद हैं । साहेबगंज जिले के बरहेट प्रखण्ड में सुरम्य प्राकृतिक दृश्यों के बीच भगवान् आशुतोष का एक प्रसिद्ध पौराणिक धाम *बाबा गजेश्वरनाथ धाम* ” *शिवगादी* ” अवस्थित है । यह एक दर्शनीय, पौराणिक पूजनीय मंदिर हैं जो प्रकृतिक सोंदर्य से परिपूर्ण राजमहल की पहाड़ियो के मनोरम दृश्यो एवं झर-झर गिरते झरने की नैसर्गिक सौन्दर्य के बीच एक गिरि गह्वर देवालय है। मानचित्र में यह मंदिर झारखण्ड प्रान्त के सहेबगंज जिला अन्तर्गत बरहेट प्रखण्ड से 6 km की उत्तर की ओर अवस्थित है । बाबा गजेश्वर नाथ का यह मंदिर पहाड़ी की ऊँचाई पर स्थित है ।अतः श्रद्धलुओं को 195 सीढ़ि

आखिर क्या संदेश दिया आपने सुशांत .....?

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*क्या संदेश दिया आपने सुशांत?* ... सुशान्त सिंह राजपूत नवोदित चेहरा। अपनी माटी का लड़का । बौद्धिक रूप से किसी भी अन्य कलाकार से बढ़कर प्रतिभा। मेहनत और लगन में बेमिसाल । आर्थिक स्थिति भी सामान्य से अच्छी । पारिवारिक पृष्ठभूमि भी समृद्ध और समर्थ। फिर भी एक अत्यंत  गलत निर्णय । आत्महत्या ..... आत्महत्या सबसे बड़ा पाप है । ईश्वर प्रदत्त मानव जीवन का उपयोग अपने उत्थान के लिए करना चाहिए न कि पतन के लिए । हमारे आर्ष ग्रंथों में कहा गया है- *असूर्या नाम ते लोका अंधेन तमसावृता।* *तास्ते प्रेत्याभिगच्छन्ति ये के चात्महनो जना:।।*  ”आत्महत्या  करनेवाला मनुष्य अज्ञान और अंधकार से भरे, सूर्य के प्रकाश से हीन, असूर्य नामक लोक को जाते हैं।”     बिहार झारखण्ड जैसे राज्य का बच्चा बच्चा इस तथ्य को जानता है। समाज, परिवार, मित्र, बन्धु बान्धव  हमेशा इस सत्य से अपने पीढी को अवगत कराते हैं । कहाँ कमी रह गई ... भौतिकता का चकाचौंध, माया नगरी की मायावी आभासी दुनियां की रंगीनियों का दोष तो नहीं ... इस प्रकार टूट कर बिखर जाने से अपने चाहने वालों को क्या संदेश दिया आपने सुशांत? आपने अच्छा नहीं किया मेरे भाई । विन

हर शाख पे उल्लू बैठा है..........

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सारे विश्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं । कोरोना संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है । झारखण्ड राज्य की स्थिति भी अच्छी नहीं कही जा सकती । सरकार कहती है खजाना खाली है । खजाना बुंद बुंद से भरता है। नागरिकों को ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए ।  लेकिन लोभ और मोह का जबरदस्त जकड़न हमारे अन्दर इतना है कि सामान्य शिष्टाचार भी हम भूलने लगे। प्रशासन का भय नहीं रहा। ऐसी ही अनुभूति अब होने लगी है ।  लाॅकडाउन में सरकार ने ढील क्या दी दुमका में दुकानदारों की चांदी है । मारवाड़ी चौक पर प्लास्टिक का समान बेचने वाले दुकानदार से हजारों रूपये का समान खरीदने के बाद भी बिल नहीं दिया जा रहा है । मांगने पर कच्चा बिल थमा कर ग्राहक ही नही सरकार को भी चूना लगाया जा रहा है । ये दुकानदार इतने  बेखौफ है कि पक्का बिल मांगने पर ग्राहकों से झगड़ा करने पर भी उतारू हो जाते हैं । स्थानीय प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए । दुमका उपराजधानी है। लेकिन इस शहर के प्रायः दुकानदारों की मनमानी हाट बाजार वाली ही है। लेन देन कैश में ही करते हैं । डिजिटल पेमेन्ट कहने पर भी नहीं करते। सिर्फ कच्चे पर काम करना इनक