कोरोना संकट में कैसे हो जैक मैट्रिक व इन्टर का मूल्यांकन कार्य

                         डॉ धनंजय कुमार मिश्र
                         अभिषद् सदस्य, दुमका
--------

कोरोना संकट से पूरी दुनियाँ जुझ रही है। पूरा भारत लाॅक डाउन में है। तीन मई के बाद की स्थिति भी स्पष्ट नहीं है । इतना तो तय है कि अभी कम से कम एक दो माह बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है । सारे शैक्षिक संस्थानों में वीरानी छाई है । आॅनलाइन शैक्षिक गतिविधियों को लगातार सुदृढ़ किया गया है । विभिन्न डिजिटल माध्यमों से अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था प्रारंभ की गई है । झारखण्ड राज्य में भी यही स्थिति है । झारखण्ड में मैट्रिक व इन्टर की परीक्षा फरवरी में ही सम्पन्न हो गई है। मूल्यांकन कार्य की सारी तैयारी पूर्ण होते ही लाॅक डाउन की घोषणा हो गई । जून में रिजल्ट देने के लिए झारखण्ड सरकार को काफी सोच समझ कर निर्णय लेना चाहिए । यदि मूल्यांकन कार्य पूर्व निर्णय के अनुसार विभिन्न मूल्यांकन केन्द्रों पर की जाती है तो स्थिति भयावह होगी।  सभी केन्द्रों पर लगभग पाँच सौ शिक्षक व कर्मचारियों को  मूल्यांकन कार्य  में शामिल होते ही सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रह जाएगा। एक व्यक्ति का  संक्रमण भी हालात को और मुश्किल कर देगा। इस परिस्थिति में सरकार मूल्यांकन कार्य में अन्य राज्यों के द्वारा अपनायी पद्धति का अनुसरण कर सकती है। केन्द्रीय माध्यमिक बोर्ड की तरह आॅनलाइन मूल्यांकन करा सकती है । झारखण्ड में यद्यपि इस विधि से मूल्यांकन कार्य में कुछ लोगों को कठिनाई हो सकती है क्योंकि झारखण्ड में मूल्यांकन करने वाले अधिकांश  शिक्षक तकनीकी रूप से परिपक्व नहीं हैं । दूसरी स्थिति मध्यप्रदेश सरकार के अनुरूप परीक्षकों के पास काॅपी भेज सकते हैं । अधिकांश परीक्षाओं में  पूर्व से यही प्रक्रिया अपनाई जाती रही है।
झारखण्ड सरकार गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए ऐसा निर्णय ले जिससे समय पर त्रुटि रहित परीक्षा फल भी प्रकाशित किया जा सके और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए महामारी से बचा भी जा सके। सम्यक् निर्णय लेना ही सुरक्षा के साथ सफलता का मार्ग प्रशस्त करेगा।

Comments

Popular posts from this blog

संस्कृत साहित्य में गद्य विकास की रूप रेखा

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी

गीतिकाव्य मेघदूतम्