आयुष्मान भारत योजना
प्रस्तावना :- भारतवर्ष सदियों से न केवल कृषि प्रधान राष्ट्र रहा है , अपितु यह ऋषि प्रधान भी है। ऋषि शब्द सारगर्भित है। त Ÿ व ज्ञान के द्रष्टा , नवनोेन्मेषशालिनी प्रज्ञा से युक्त मानव तथा सर्वार्थ कल्याण की कामना का मनसा , वाचा , कर्मणा अपने व्यवहार में परिलक्षित करने वाले सर्वहितैषी को हमारे देश में ऋषि की संज्ञा दी गई है। भारतीयता का मूल ही है - सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग्भवेत्।। भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। पंथनिरपेक्ष हमारे देश का संविधान हमारा मार्गदर्शक है। संविधान निर्माताओं को यह भान था कि भारत में लोकतंत्र की रक्षा और लोक कल्याण हेतु जन अधिकार की स्थापना का अपना अलग ही मह Ÿ व ह...