संस्कृत भाषा में विभिन्न संस्थाओं के आदर्श वाक्य/ध्येय वाक्य
संस्कृत भाषा कम शब्दों में अधिक सारगर्भित बातों को कहने में सक्षम है। भारत सहित अनेक देशों में इस भाषा का सार्थक प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता रहा है। इस दृष्टि से संस्थाओं के आदर्श वाक्य प्रायः भारत में संस्कृत भाषा में ही लिखा गया है। यहां हम कुछ ऐसे आदर्श वाक्य को देखेंगे जो काफी प्रचलित हैं -
1. अहर्निशं सेवामहे - भारतीय डाक विभाग
डॉ धनंजय कुमार मिश्र विभागाध्यक्ष संस्कृत, एस के एम यू, दुमका |
2.योगक्षेमं वहाम्यहम् - भारतीय जीवन बीमा निगम
3. सत्यमेव जयते - भारत सरकार
4. नीर-क्षीर विवेकिनी विद्या - सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका, झारखंड
5. तमसो मा ज्योतिर्गमय - नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय , मेदनी नगर, पलामू (झारखंड); बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद (झारखंड); तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय भागलपुर, बिहार
6. नभ: स्पृशं दीप्तम् - भारतीय वायुसेना
7. यतो धर्म: ततो जय: - उच्चतम न्यायालय भारत सरकार
8. शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् - अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान
9. सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय - आकाशवाणी (आल इन्डिया रेडियो)
10. सत्यं शिवम् सुन्दरम् - दूरदर्शन
11. ज्ञान-विज्ञान विमुक्तये - विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC)
12. असतो मां सद्गमय - केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( CBSE)
13. विद्ययाऽमृतमश्नुते - राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (NCERT)
14. धर्म चक्र प्रवर्तनाय - लोकसभा (भारतीय संसद)
15. योग: कर्मसु कौशलम् - भारतीय प्रशासनिक सेवा अकादमी
16. तत् त्वं पूषन् अपावृणु - केन्द्रीय विद्यालय
17. योऽनूचान: स नो महान् - राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान (विश्वविद्यालय)
18. जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी - नेपाल सरकार
19. जलेष्वेव जयामहे - इन्डोनेशिया जल सेना
20. शं नो वरुण: - भारतीय जल सेना
21. जयेम सं युधि स्पृध: - आइ एन एस विक्रान्त
22. तेजस्वि नावधीतमस्तु - रांची विश्वविद्यालय
23. जीवन सत्यशोधनम् - विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग (झारखंड)
24. विद्यया विन्दतेऽमृतम् - डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची (झारखंड)
25. उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथै: - झारखंड लोक सेवा आयोग रांची
26. उतिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खान विद्यालय) धनबाद (झारखंड)
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