संस्कृत साहित्य एक नज़र में

 

डॉ धनंजय कुमार मिश्र, एस के एम यू दुमका 
भारतीय ज्ञानपरम्परा में संस्कृत साहित्य का महनीय योगदान है। प्राचीन भारत के अधिकांश साहित्य संस्कृत भाषा में निबद्ध हैं। यहां हम अति संक्षेप में संस्कृत साहित्य के महत्त्वपूर्ण तथ्यों को देखेंगे -

1. कालिदास की सर्वमान्य रचनाएं - 7 (ऋतुसंहारम्, मेघदूतम्, कुमारसंभवम्, रघुवंशम्, मालविकाग्निमित्रम्, विक्रमोर्वशीयम् और अभिज्ञानशाकुन्तलम्)

2. अश्वघोष की सर्वमान्य काव्य रचनाएं - 3 (बुद्धचरितम्, सौन्दरनन्दम् और शारिपुत्र प्रकरण)

3. कवि भारवि की एकमात्र रचना - किरातार्जुनीयम्।

4. कवि माघ की एकमात्र रचना - शिशुपालवधम्

5. भट्टि काव्य - रावणवधम्

6. भवभूति के तीन नाटक - मालतीमाधवम्, महावीरचरितम् और उत्तररामचरितम्।

7. विशाखदत्त का नाटक -  मुद्राराक्षसनाटकम्।

8. जानकीहरणम् महाकाव्य के रचयिता - कवि कुमारदास।

9. कश्मीर का ऐतिहासिक वर्णन करने वाला महाकाव्य - राजतरंगिणी (कवि कल्हण की रचना)

10. जयदेव कवि का गीतिकाव्य - गीतगोविन्दम्।

11. संस्कृत साहित्य का लघुत्रयी - मेघदूतम्, कुमारसंभवम् और रघुवंशम्।

12. संस्कृत साहित्य का वृहद्त्रयी - किरातार्जुनीयम्, शिशुपालवधम् और नैषधीयचरितम्।

13. नैषधीयचरितम् महाकाव्य के रचयिता - श्री हर्ष।

14. संस्कृत के प्रसिद्ध गद्य कवि - दण्डी, सुबन्धु और बाणभट्ट।

15. दशकुमारचरितम् के रचयिता - दण्डी

16. सुबन्धु की रचना - वासवदत्ता

17. कादम्बरी और हर्षचरितम् के रचयिता - बाणभट्ट 

18. कवि भर्तृहरि के शतकत्रय - नीतिशतक, वैराग्यशतक और शृंगारशतक।

19. नाटककार भास रचित नाटकों की संख्या -13

20. भास रचित प्रमुख नाटक - स्वप्नवासवदत्तम्, प्रतिज्ञायौगन्धरायणम्, चारुदत्तम्, अभिषेकनाटकम्, प्रतिमानाटकम्, अविमारकम्, बालचरितम्, दूतघटोत्कचम्, कर्णभारम्, मध्यमव्यायोग, दूतवाक्यम्, पंचरात्रम् और उरुभंगम्।

21. कालिदास से पूर्ववर्ती नाटककार - भास।

22. वेणीसंहारम् नाटक के रचयिता - भट्टनारायण

23. उपमा अलंकार के सिद्धहस्त कवि - कालिदास।

24. अर्थगौरव के प्रसिद्ध कवि - भारवि।

25. पदलालित्य के प्रसिद्ध कवि - दण्डी और श्रीहर्ष।

26. नाट्यशास्त्र के रचयिता - भरत मुनि।

27. काव्यप्रकाश के रचयिता - आचार्य मम्मट।

28. काव्यादर्श के रचयिता - आचार्य दण्डी।

29. साहित्य दर्पण के रचयिता - कविराज विश्वनाथ 

30. रसगंगाधर के रचयिता - पंडितराज जगन्नाथ।

31. काव्यमीमांसा के रचयिता - राजशेखर।

  


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