संस्कृत की कालजयी रचनाएं

Dr. D K MISHRA 


 भारतीय साहित्य और संस्कृति में संस्कृत भाषा का अप्रतिम योगदान रहा है। ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में संस्कृत भाषा में अनेक कालजयी रचनाएं हैं, इन रचनाओं का महत्त्व बहुविध है। साहित्य , गणित, विज्ञान, दर्शन, धर्म ,अर्थ, काम आदि विषयों पर कुछ कालजयी ग्रन्थों और उनके रचनाकार के विषय में देखते हैं -

1. रामायण (आदि काव्य) - महर्षि वाल्मीकि 

2. महाभारत - कृष्ण द्वैपायन व्यास 

3. बुद्धचरितम् - अश्वघोष 

4. अर्थशास्त्र - विष्णु गुप्त (कौटिल्य, चाणक्य)

5. मनुस्मृति - महर्षि मनु 

6. अष्टाध्यायी - आचार्य पाणिनि 

7. कामसूत्र - वात्स्यायन 

8. योगसूत्र - पतंजलि 

9. राजतरंगिणी - कल्हण 

10. मेघदूतम् - कालिदास 

11. अभिज्ञानशाकुन्तलम् - कालिदास 

12. अमरकोश(नामलिंगानुशासनम्) - अमरसिंह 

13.नाट्यशास्त्र - भरत मुनि

14. छ्न्द: सूत्र - आचार्य पिंगल 

15. ज्योतिष शास्त्र - आचार्य लगध

16. आर्यभटीयम् - आर्यभट्ट 

17. चरक संहिता - आचार्य चरक 

18. सुश्रुत संहिता - आचार्य सुश्रुत 

19. काव्य प्रकाश - आचार्य मम्मट 

20. वाक्यपदीयम् - भर्तृहरि 

21. हर्षचरितम् - बाणभट्ट 

22. पंचतंत्र - पंडित विष्णु शर्मा 

23. भगवद्गीता - वेद व्यास (कृष्ण द्वैपायन व्यास)

24. ब्रह्मसूत्र - बादरायण व्यास 

25. नीतिशतकम् - भर्तृहरि 


 



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