वैदिक साहित्य एक दृष्टि


1. प्राचीनतम वेद का नाम - ऋग्वेद 

2.अर्वाचीन वेद का नाम - अथर्ववेद 

3. वैदिक संहिताओं की संख्या - चार 

4. वेदत्रयी के अन्तर्गत वेद - ऋक्, यजु:, साम

5. पुरुषार्थ की संख्या - चार (धर्म, अर्थ,काम और मोक्ष)

6.आश्रमों की संख्या- चार (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास)

7. वर्णों की संख्या चार ( ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र)

8. ऋग्वेद के प्रथम मंत्र के देवता -अग्नि

9.ऋग्वेद में मंडल - दश

10. प्रमाणिक उपनिषद् - तेरह

11. अथर्ववेद का ब्राह्मण ग्रन्थ - गोपथ ब्राह्मण 

12. ऋग्वेद का ब्राह्मण - ऐतरेय और कौषीतकि 

13. अथर्ववेद में काण्डों की संख्या - बीस

14. वेदों के अन्तिम भाग का नाम - उपनिषद् (वेदान्त)

15. वेदांग की संख्या - 6 (शिक्षा,कल्प, व्याकरण, निरूक्त, छ्न्द और ज्योतिष )

16.वेद का मुख - व्याकरण 

17.वेद का पैर - छ्न्द

18.वेद का आंख - ज्योतिष्

19. वेद का कान- निरूक्त 

20. वेद का हाथ - कल्प 

21. वेद का घ्राण - शिक्षा 

22. गायत्री छ्न्द में वर्णों की संख्या -24

23. वेदों में प्रयुक्त मुख्य छ्न्द - 7( गायत्री, उष्णिक्, अनुष्टुप्, बृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप् और जगती)

24. प्रमुख उपनिषदों के नाम - ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्ड, माण्डुक्य, तैत्तिरीय, ऐतरेय, छान्दोग्य, बृहदारण्यक, श्वेताश्वतर आदि।

25. ऋग्वेद का अन्तिम सूक्त - संज्ञान सूक्त।


Comments

Popular posts from this blog

नीतिशतकम्

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी