सावन में सोमवार शिव व्रत का महत्त्व
भारतीय प्राचीन ज्योतिष विज्ञान के अनुसार सोमवार का दिन चन्द्रमा का दिन होता है। चन्द्रमा का ही दूसरा नाम सोम है। चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं। इस दिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है। कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य की समस्या हो, विवाह में विलम्ब या बाधा हो, दरिद्रता हो उसे नियम पूर्वक सावन माह के प्रत्येक सोमवार को आशुतोष शिव की आराधना करनी चाहिए । भोलेनाथ की भक्ति सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार और शिव जी के सम्बन्ध के कारण ही भगवती पार्वती ने सोलह सोमवार का व्रत व उपवास रखा था। सावन का सोमवार अत्यधिक पवित्र तथा मनोकामना पूर्ण करने वाला होता है ।
सावन सोमवार को प्रातः काल या प्रदोष काल में स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाना चाहिए । नंगे पाँव शिवालय जाकर शुद्ध मन से शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए । भगवान शिव की स्तुति व साष्टांग नमन भावपूर्ण होना चाहिए । मंदिर प्रांगण में , शिव सानिध्य में शिव मंत्र " ऊँ नमः शिवाय" का कम से कम 108 बार जप करने से मनोवान्छित फल अवश्य मिलता है। व्रती को दिन में केवल फलाहार करना चाहिए । सायंकाल पुनः शिवमन्त्र का जाप करना चाहिए । नियम पूर्वक शिव की आरती करनी चाहिए । अगले दिन मंगलवार को अन्न वस्त्र आदि का दानकर व्रत का पार्वण करना शुभ माना गया है ।
डॉ धनञ्जय कुमार मिश्र
अध्यक्ष स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग
संताल परगना महाविद्यालय दुमका
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