बोल बम यात्रा : श्रद्धा, साधना और शिवत्व का सामूहिक उत्सव

बोल बम यात्रा : श्रद्धा, साधना और शिवत्व का सामूहिक उत्सव प्रस्तुति : डॉ. धनंजय कुमार मिश्र (अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका) --- श्रावण मास का आगमन मात्र ही प्रकृति में भक्ति की सुवास भर देता है। नदियाँ गुनगुनाने लगती हैं, बादल शिव-ध्वनि में रमने लगते हैं और दिशाएँ “हर-हर महादेव” की प्रतिध्वनि में नत हो जाती हैं। ऐसे ही माह में आरंभ होती है— बोल बम यात्रा— एक तप, त्याग, त्राण और त्रिविध भक्ति का सामूहिक उत्सव, जो भारत की आध्यात्मिक चेतना का जीवंत प्रतीक है। *श्रद्धा की अग्नि-रेखा* झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम तक पहुँचने की यह यात्रा कोई सामान्य तीर्थयात्रा नहीं, यह तो आत्मा की तीव्र पुकार है। श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर लगभग 105 किलोमीटर की दूरी नंगे पाँव तय करते हैं। शरीर थकता है, पाँव छिलते हैं, पर “बोल बम! हर-हर महादेव!” की दिव्य ध्वनि इस समस्त कष्ट को साधना में बदल देती है। यह यात्रा एकांत नहीं, यह तो सामूहिक साधना है — जहाँ हर कांवड़िया एक चलती-फिरती आरती बन जाता है। *पौराणिक गाथा : जब रावण ने अर्पित किया अपना सिर* बाबा बैद...